डीडीहाट के उड़मा गाँव निवासी पति व जेठ को आत्म हत्या के लिए उकसाने व दहेज़ उत्पीड़न में सजा।
पिथौरागढ़ : जनपद पिथौरागढ़ के तहसील डीडीहाट के उड़मा गाँव निवासी कुशल सिंह व जीवन सिंह पुत्र स्व. दान सिंह को दहेज के लिए उत्पीड़न करने व आत्महत्या के उकसाने के मामले में सत्र न्यायाधीस पिथौरागढ़ ने दोषसिद्ध करते हुए 5 वर्ष के कठोर कारावास व 75 हज़ार रूपये अर्थदंड से दण्डित किया है।
आपको बता दें 13 जुलाई 2020 को दुर्गा सिंह के द्वारा SDM डीडीहाट को तहरीर देकर बताया गया था कि उनकी पुत्री भागीरथी देवी का विवाह 16 अप्रैल 2014 को कुशल सिंह खड़ायत पुत्र स्व दान सिंह खड़ायत के साथ हुवा था। जिसकी एक साढ़े तीन साल की एक छोटी पुत्री है। बताया कि उनकी पुत्री के साथ पुत्री का पति कुशल सिंह, जेठ जीवन सिंह व सास पार्वती देवी हमेशा प्रताड़ना एवं गालीगलौच करते रहते थे। प्रताड़ना सहन न होने पर या तो उसके द्वारा गलत कदम उठाया गया है या फिर उक्त लोगों द्वारा उसे मारा गया है। किसी ने फ़ोन कर उन्हें बताया था कि उनकी पुत्री व पोती की लाश मिली है जबकि घर वालों द्ववारा कोई सुचना नहीं दी गयी थी। तमाम गवाहों व सबूत के आधार पर सत्र न्यायधीश पिथौरागढ़ ने आरोपी पति व जेठ को धारा 306 के अपराध के लिए 5 वर्ष के कठोर कारावास व 50 हज़ार रूपये अर्थदंड से दण्डित किया है । अर्थदंड न देने पर 2 वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा ।
इसके अलावा धारा 498(A) के अपराध के लिए उपरोक्त दोषसिद्ध गणों को वर्ष के 3 वर्ष के कठोर कारावास व 25 हज़ार रूपये अर्थदंड से दण्डित किया है । अर्थदंड न देने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा । दोषसिद्ध गणों की उपरोक्त कारावास की सजाएं साथ साथ चलेंगी। मामले की पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रेम भंडारी ने की।