पिथौरागढ़

पिथौरागढ़ में किसान पाठशाला में जैविक दवा निर्माण से कीट नियंत्रण पर किसानों का एक दिवसीय प्रशिक्षण

पिथौरागढ :  उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों में बे- मौसमी सब्जी का उत्पादन कर किसान आत्मनिर्भर बन सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि किसानों को वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग करना होगा और बागवानी, कृषि, उत्पादन, पशुपालन आदि को मिश्रित रूप में अपना कर अधिक आय प्राप्त की जा सकती है। कृषि विज्ञान केंद्र गैना के बागवानी विशेषज्ञ डॉक्टर अभिषेक बहुगुणा, पशु चिकित्सा विशेषज्ञ डॉक्टर कंचन आर्या ने आज धनौड़ा स्थित किसान पाठशाला का भ्रमण किया और वहां पर मौजूद किसानों को उन्नत कृषि और सब्जी उत्पादन के लिए अपनाए जाने वाले आवश्यक कदमों की जानकारी दी।




उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के कृषि, फल, फूल आदि के उत्पादन के लिए आवश्यक है की सबसे पहले मिट्टी का परीक्षण किया जाए उसके पश्चात खेत तैयार करके कीटों की रोकथाम के लिए जैविक उपाय का प्रयोग किया जाए। उन्होंने घरेलू निष्प्रयोज्य सामान से बनाए जा सकने वाले दसपरणी कीटनाशक के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि दसपरणी जैविक रसायन का उपयोग कर कीट नियंत्रण पर प्रभावी अंकुश लाया जा सकता है। इस समय पर्वतीय जनपदों में बैगन, शिमला मिर्च, टमाटर, लौकी, कद्दू, अनार आदि सब्जियों व फसलों पर कीटों का प्रयोग सर्वाधिक होता है जिससे काश्तकारों को बहुत नुकसान उठाना पडता है। इन पौधों पर लगने वाले कीटों के बारे में उन्होंने विस्तार से जानकारी दी और बताया कि दसपरनी जैविक दव से कीट नियंत्रण पर प्रभावी अंकुश लग सकता है। उन्होंने उद्यान विभाग और कृषि विभाग द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं का भी लाभ उठाने की अपील की । इस दौरान किसान भूषण से सम्मानित पूर्व सैनिक केशव दत्त मखौलिया ने सभी काश्तकारों से अपील की है कि वह दसपरणी जैविक दवा निर्माण से लेकर कीट नियंत्रण और मृदा परीक्षण के मामले में धनौड़ा स्थित किसान पाठशाला में कभी भी आकर उनसे संपर्क कर सकते हैं और वह किसानों की हर संभव सहायता करने के लिए तैयार हैं।


इस मौके पर मनरेगा लोकपाल जगदीश कलौनी, प्रगतिशील काश्तकार रवि शर्मा, कविता मखौलिया, जगदीश मखौलिया, जमन सिंह मुंडेला, नवीन कलौनी, जनार्दन शर्मा, नवीन चंद्र, रमेश पुनेठा आदि ने विभिन्न फसलों और सब्जियों पर होने वाले रोगों की रोकथाम के बारे में सवाल पूछे।
कार्यक्रम का संचालन किसान भूषण केशव दत्त मखौलिया ने किया । एक दिवसीय कार्यशाला में जनपद के विभिन्न विकासखंडों के 35 किसानों ने प्रतिभाग किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *