पिथौरागढ़

पिथौरागढ़ : बेरीनाग पहुंची छड़ी यात्रा ।

पिथौरागढ़: जूना अखाड़े की पारंपरिक और धार्मिक ऐतिहासिक महत्व रखने वाली छड़ी यात्रा बेरीनाग पहुंची. बेरीनाग पहुंचने पर छड़ी यात्रा का व्यापार संघ अध्यक्ष राजेश रावत के नेतृत्व में स्वागत किया गया. इस मौके पर महामंडलेश्वर स्वामी वीरेन्द्रांनद ने बताया छड़ी यात्रा उत्तराखंड के सभी तीर्थ स्थलों पर जाएगी. सनातन धर्म-संस्कृति का प्रचार-प्रसार करेगी.

उन्होंने कहा छड़ी यात्रा का मुख्य उद्देश्य धर्म संस्कृति को संरक्षित संवर्धित कर उसे मजबूत करना है. उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों से पलायन रोककर राज्य का विकास करना है. पवित्र छड़ी यात्रा भगवान शिव के प्राचीन निवास स्थल आदि कैलाश और ओम पर्वत तक जाएगी. छड़ी यात्रा का पिथौरागढ़ जिले में पहुंचने पर स्वागत किया गया. छड़ी यात्रा में शामिल महामंडलेश्वर श्रीश्री 1008 हिमालयन पीठाधीश्वर वीरेंद्रानंद महाराज ने बताया कि यह छड़ी यात्रा पिछले तीन हजार वर्षों से चल रही है. छड़ी यात्रा का चौकोड़ी, बेरीनाग, गंगोलीहाट, थल, डीडीहाट, अस्कोट और धारचूला में स्थानीय लोगों ने जोरदार स्वागत किया.

उन्होंने कहा छड़ी यात्रा सनातन का प्रतीक है. उन्होंने बताया छड़ी यात्रा 32 दिन की होती है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी ने इसकी पूजा अर्चना कर इसे रवाना किया था. इसके अलावा प्रदेश के मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने हरिद्वार में तीन दिन पूजा अर्चना कर आगे को रवाना किया. 32 दिन की यात्रा के दौरान केदारखंड में यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ, तुंगनाथ आदि स्थानों से आगे बढ़ती है. जिसके बाद यह मानसखंड में प्रवेश करती है.

मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार , अब यह यात्रा मानसखंड में स्थित कुमाऊं में प्रवेश कर चुकी है. पवित्र छड़ी यात्रा आदि कैलाश और ओम पर्वत जाएगी. महामंडलेश्वर वीरेंद्रानंद महाराज ने कहा ऋषि मुनि केवल आध्यात्मिक चेतना को ही जागृत नहीं करते बल्कि समाज के उत्थान के लिए कार्य करते रहे हैं. ऋषि मुनियों ने हजारों वर्षों से हमेशा शिक्षा, स्वास्थ्य सहित कई उल्लेखनीय कार्यों के लिए लंबे अनुसंधान किए हैं. इसी को तप कहा जाता है.

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